“या तो ट्रंप Memcon दिखाएं, या फिर झूठ बोलना बंद करें!”
भारत सरकार को अब चुप्पी नहीं, जवाबदेही की मांग करनी चाहिए
In view of Advocate Amaresh Yadav
Supreme Court of India


“अगर ट्रंप सच कह रहे हैं, तो सबूत दो। अगर नहीं, तो माफी मांगो। भारत सरकार को यह मांग करना चाहिए — ज़ोर से, सार्वजनिक रूप से।”

डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मिसाइल युद्ध रोक दिया, व्यापारिक दबाव डाला, मध्यस्थता की, और यहां तक कि भारत ने उन्हें ऐसा करने को कहा
अब ये बातें कोई हल्के-फुल्के चुनावी जुमले नहीं हैं। ये बयान हैं एक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के, जिनका सीधा संबंध भारत की संप्रभुता, विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति से है।

👉 सवाल है: भारत सरकार अब तक चुप क्यों है?

👉 और सबसे अहम सवाल: क्या ट्रंप के पास इन दावों का कोई सबूत है?


🗂️ MEMCON: वो दस्तावेज़ जो सब बता सकता है

व्हाइट हाउस में हर अहम बातचीत का एक आधिकारिक रिकॉर्ड तैयार होता है — इसे कहा जाता है Memorandum of Conversation (Memcon)

✅ यह बताता है: किस नेता ने क्या कहा, कब कहा, किन शब्दों में कहा।

यदि ट्रंप का दावा सही है कि भारत ने उनसे मध्यस्थता की मांग की या उन्हें सीजफायर में दखल का आग्रह किया, तो उसका रिकॉर्ड Memcon में होना चाहिए।

📌 भारत सरकार को तुरंत अमेरिका से यह रिकॉर्ड मांगना चाहिएक्योंकि मामला अब केवल ट्रंप की बात नहीं है, यह भारत की प्रतिष्ठा का प्रश्न है।


🔥 अगर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं, तो वह अमेरिका में ‘perjury’ या भ्रामक प्रचार के दोषी हैं

यदि ट्रंप ने ये बातें किसी औपचारिक फोरम (जैसे Fox Interview, Townhall, या जनसभा में ‘under oath’) पर कही हैं और ये झूठी साबित होती हैं —
➡️ तो यह perjury है,
➡️ यह जनता को गुमराह करना है,
➡️ यह अंतरराष्ट्रीय मामलों में जाली कहानी बनाना है।

भारत सरकार की चुप्पी का अर्थ यह नहीं होना चाहिए कि वह इस झूठ में भागीदार है।


🇮🇳 भारत सरकार की चुप्पी: कूटनीति नहीं, कमज़ोरी है

प्रधानमंत्री मोदी की सरकार जब अपने ही देश में विपक्ष को “राष्ट्रविरोधी” करार देती है सिर्फ सवाल पूछने पर,
तो ट्रंप जैसे पूर्व राष्ट्रपति का यह कहना कि उन्होंने भारत को युद्ध से बचाया — यह किस हद तक बड़ा आरोप है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है।

अगर यह झूठ है, तो भारत सरकार को ट्रंप को साफ़-साफ़ झूठा करार देना चाहिए।

अगर यह सच है, तो भारत सरकार को संविधान के प्रति जवाबदेह जनता को यह बात कबूल करनी चाहिए कि उन्होंने अमेरिका को सीजफायर के लिए कहा था — और क्यों।


✍️ निष्कर्ष: भारत सरकार को यह मांग करनी चाहिए – “या तो ट्रंप Memcon दिखाएं, या फिर चुप रहें”

यह अब राजनीतिक बयानबाज़ी का मामला नहीं है। यह भारत की विदेश नीति की प्रामाणिकता, स्वतंत्रता, और संप्रभुता का सवाल है।

🔹 अगर ट्रंप के पास Memcon है, तो वह उसे दिखाएं।
🔹 अगर नहीं, तो भारत सरकार को अमेरिकी दूतावास के जरिए औपचारिक विरोध दर्ज कराना चाहिए।
🔹 और सबसे पहले, भारत सरकार को देश की जनता को सच्चाई बतानी चाहिए।

चुप रहना अब देशप्रेम नहीं, कायरता है।


In view of Advocate Amaresh Yadav
Supreme Court of India

“अगर कोई विदेशी नेता हमारे देश की सुरक्षा नीतियों पर झूठ बोले, और हम उसे जवाब तक न दें — तो फिर हमें ‘सुपरपावर बनने’ का सपना देखना बंद कर देना चाहिए।”


अमरेष यादव

Leave a comment

Design a site like this with WordPress.com
Get started